...

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Dil ki baat
दिल दुखा कर आजमा कर या रुला कर छोडना
हमने सीखा ही नहीं अपना बना कर छोडना,

ताके दुनिया यह न समझे हम में दूरी हो गयी
साथ जब भी छोडना तो मुस्कुरा कर छोडना,

है तरीके और भी मुझसे बिछड़ने के लिए
क्या ज़रूरी है कोई तोहमत लगा कर छोडना,

होश बाकी रह गए तो जी नहीं पाऊँगा मै
कुछ न याद आये मुझे इतनी पिला कर छोडना,

तेल के बदले हमें चाहे लहू देना पड़े
अपनी फितरत है चिरागों को जला कर छोडना,

कुफ्र है अहसास-ऐ-मायूसी थकन है बुजदिली
आंसू की डौर को मंजिल पे जा कर छोडना!