"निगाहों में उनके सवाल थे"
निगाहों में उनके हजारों सवाल थे
फिर भी जुबां पर हमारे कुफ्ल़ बवाल थे!!
वो जैसे निगाहों से उनका मेरे वजूद के हर गोशे
को छू जाना, जैसे कोई...
फिर भी जुबां पर हमारे कुफ्ल़ बवाल थे!!
वो जैसे निगाहों से उनका मेरे वजूद के हर गोशे
को छू जाना, जैसे कोई...