...

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ग़ज़ल - आँखें
यूं तो फ़िलहाल मैं कुछ ठीक नहीं हूँ लेकिन,
तेरे आने की घड़ी देख रही हैं आँखें।
यूँ तो फ़िलहाल...
सोचता हूँ, अश्क तुमने भी बहाए क्या कभी,
या यूँही लाल किए बैठा हूँ मैं ये आँखें।
यूँ तो फ़िलहाल........