कुर्शी 🫠
साथ मे जो सुकून से बैठा करते थे!
वह आज कहीं गुम हो गए.
कभी जो जिद थी बैठने की वह दोस्त ही कहीं खो गए जो बहस होतीं थी
इन पर बैठने के बाद वह चाय के प्याले सुने हो गए आज...
वह आज कहीं गुम हो गए.
कभी जो जिद थी बैठने की वह दोस्त ही कहीं खो गए जो बहस होतीं थी
इन पर बैठने के बाद वह चाय के प्याले सुने हो गए आज...