...

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Miss you papa
आप से मेरा होना आपके बिना सारा जहान खोना...
आप थे तो ज़िंदगी खुशहाल थी,
आप नही तो ज़िंदगी बेगान हुई...

कैसे आप हमे अकेला छोड़ गए...
कैसे हमे अपने से दूर ले गए...

जाते जाते आप अपने जाने का गम दे गये…
सब बहारें ले गये रोने का मौसम दे गये…

ढूंढती है निंगाह पर अब आप कही नहीं…
अपने होने का वो मुझे कैसा भ्रम दे गये…

मेरी आंखो में आंसुओ का समुंदर दे गए...
मां को जिंदगी की सारी चुनौतियां दे गए...

मुझे मेरे पापा की सूरत याद आती है…
वो तो ना रहे..पर अपनी यादों का सितम दे गये…

एक अजीब सा सन्नाटा है आज कल मेरे अंदर …
मेरी ताकत को कमजोर कर क्यू चल दिए…

ऐसी भी क्या नाराज़गी थी हमसे पापा...
जो हमे अकेला छोड़ इतने दूर चले गए...


© tejswii_madavi