...

17 views

ग़म का धुआं
शहर में चारों तरफ़ फैला है ग़म का धुआं
नज़र आता नहीं है मुझे साफ़ ये आसमां

न जाने कौन सी रुत आई है इस बार
सोचती हूॅं मैं जाऊं तो जाऊं अब कहां

हुई हूॅं...