...

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मेहंदी
छोटी सी एक गुड़िया थी,
मेहंदी वाले हाथ वो चाहती थी।।

मां थी उसकी मजदूर, मेहंदी
कहा से वो ले आती।
बस दो वक्त का खाना ही वो
उसे खिला पाती थी।

देख बिटिया का उदास आंखे ,
उसकी आंखे भर जाती🥺
एक वक्त का खाना छोड़ उसने आज ,
बिटिया का सपना सजा दिया ।।

आज मेहंदी ला 😍उसने बिटिया का हाथ मेहंदी से रचा दिया ❣️


© Aprajita