...

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मेघों के पार
कैसे सीखा तुमने
मुझे भूलना
तुम्हारे लिए क्या
इतना आसान था
नितप्रति तुम्हारे विचारो
में ही घुला हूँ
मुझे अब तक भी
यही भान था
प्रयास मैंने भी
कभी किये थे
लेकिन मन में
भीषण घमासान था
गहन प्रतिपक्षपाती
भी था मस्तिष्क
और हृदय भी
स्वयं ही अनुसंधान था
कभी ठगी भी थी
मोहिंनियों ने त्वचा
यद्यपि तब मैं ...