अनकहा 🖤🍂
केसे बताये पास रहते हैं लेकिन फिर भी
दुरिया कितनी हे..,
समजते हे लेकिन समजा नहि शकते
मजबूरियां कितनी हे।
बोले बगेर भी कहते वो खामोशियों में भी ख़ूबसूरतियाँ कितनी हे,
बिन कुछ कहे बिन कुछ...
दुरिया कितनी हे..,
समजते हे लेकिन समजा नहि शकते
मजबूरियां कितनी हे।
बोले बगेर भी कहते वो खामोशियों में भी ख़ूबसूरतियाँ कितनी हे,
बिन कुछ कहे बिन कुछ...