...

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Tirnga
सरहद पे गोली खाके जब टूट जाए मेरी साँस
मुझे भेज देना यारों मेरी बूढ़ी माँ के पास

बड़ा शौक था उसे मैं घोड़ी चढूं
धमाधम ढोल बजे

तो ऐसा ही करना
मुझे घोड़ी पे लेके जाना
ढोलकें बजाना, पूरे गांव में घुमाना

और माँ से कहना
बेटा दूल्हा बनकर आया हैँ
बहू नहीं ला पाया तो क्या
बारात तो लाया हैँ

मेरे बाबूजी, पुराने फ़ौजी,
बड़े मनमौजी
कहते थे- बच्चे, तिरंगा लहरा के आना
या तिरंगे में लिपट के आना

कह देना उनसे, उनकी बात रख ली
दुश्मन...