ए जिंदगी।।।
ए जिंदगी तू सवार रही है,
या उजाड़ रही है मुझे?
तू तराश रही है,
या निखार रही है मुझे?
तू गिरा रही है,
या उठा रही है मुझे?
इन सब में कहीं ना कहीं,
तू खुद से जुदा कर रही है मुझे।।।।
© Tulikawrites
या उजाड़ रही है मुझे?
तू तराश रही है,
या निखार रही है मुझे?
तू गिरा रही है,
या उठा रही है मुझे?
इन सब में कहीं ना कहीं,
तू खुद से जुदा कर रही है मुझे।।।।
© Tulikawrites
Related Stories