वो मेरा था मगर किसी और के वश में था..!!
वो मेरा था मगर किसी और के वश में था..!!
मुझे ठुकराए या अपनाए इसी कशमकश में था।
जिस तीर ने चीर दिया था मेरा कलेजा,
वो तीर न जाने कब से उसके तरकश में था॥
कभी मुस्कुराया नहीं वो मेरे मिलने पर,
कोई और उसकी यादों के हर्ष में था।
मुझे समझा...
मुझे ठुकराए या अपनाए इसी कशमकश में था।
जिस तीर ने चीर दिया था मेरा कलेजा,
वो तीर न जाने कब से उसके तरकश में था॥
कभी मुस्कुराया नहीं वो मेरे मिलने पर,
कोई और उसकी यादों के हर्ष में था।
मुझे समझा...