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दो- दो पल
आंखो पर बांध कर पट्टी मैंने जिसे भी चाहा
वो मेरा तो हुआ मगर दो पल के लिए
हम ने दिल लगाया भी तो बे - दिल से
उसने भी दिल बहलाया दो पल के लिए
कल करके क़त्ल अपने ही रहनुमा का
क़ातिल ने भी शोक मनाया दो पल के लिए
वो टूट कर भी लोगों को हंसाता रहा
लोग हसे भी तो सिर्फ दो पल के लिए
वो मेरा तो हुआ मगर दो पल के लिए
हम ने दिल लगाया भी तो बे - दिल से
उसने भी दिल बहलाया दो पल के लिए
कल करके क़त्ल अपने ही रहनुमा का
क़ातिल ने भी शोक मनाया दो पल के लिए
वो टूट कर भी लोगों को हंसाता रहा
लोग हसे भी तो सिर्फ दो पल के लिए
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