कशिश
उम्मीदों के जुगनू भरदे इन काली अँधेरी रातों में.....
कुछ जीत कि चाह रखले इन बिखरी हुई बातो में....
माना मुश्किल...
कुछ जीत कि चाह रखले इन बिखरी हुई बातो में....
माना मुश्किल...