...

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कोई और तो नहीं......*****
झूठ बोलना नहीं सिखा मैंने, फ़िर
आज़ झूठ का इल्ज़ाम है सर पर क्यों....
ये मैं ही हूँ , कोई और तो नहीं.......*****

हमेशा ख़ुश रखा है औरों को,
आज़ किसी का दिल तोड़ दिया क्यों......
ये मैं ही हूँ, कोई और तो नहीं.......*****

कुछ नहीं, पर ईमान था मेरे पास
आज़ सब बेईमान कहने लगे हैं क्यों.....
ये मैं ही हूँ , कोई और तो नहीं.......*****

हर झुकाकर चलना सीखा है हमेशा,
आज़ हो रही सरेआम बदनाम क्यों.....
ये मैं ही हूँ , कोई और तो नहीं......*****

कभी दोस्तों का मेला लगता था ,
आज़ हो गई हूँ अकेली क्यों......
ये मैं ही हूँ , कोई और तो नहीं......*****

कभी हर मन्नतें पूरी होती थी ,
आज़ मन्नतें भी अधूरी है क्यों.....
ये मैं ही हूँ , कोई और तो नहीं......*****

कभी ख़ुशियों के महफ़िल में रहा करती थी,
आज़ ज़िंदगी कट रही जैसे-तैसे क्यों......
ये मैं ही हूँ , कोई और तो नहीं......*****


आईना देखूँ और कहने लगूँ -
' मैं तो ऐसी न थी '

सच में ........
ये मैं ही हूँ , कोई और तो नहीं......!!!!!!

© my feelings