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दर्द का सागर 💔
बिन हंसी के भी अब हंसना होगा
न चाह कर भी गम में, मुस्कुराना होगा,
अजब उलझन आई है ज़िंदगी में
बिन सांसों के भी अब,जीना होगा,
न जी सके बिछड़ कर जिसके बिना
हर लम्हा उसी के बिना जीना होगा,
होगी बेकरारी, रहेगी बेचैनी सीने में
एक झलक की आस में तड़पना होगा,
छूने को जिसे एक बार, बेसबब प्यासे रहे
सीने से लगने को उम्र भर तरसना होगा,
दर्द का सागर ख़ुद में समेटे तन्हा यूं ही
अंजान राहों पर, गिरते संभलते चलना होगा!
© सुधा सिंह 💐💐
न चाह कर भी गम में, मुस्कुराना होगा,
अजब उलझन आई है ज़िंदगी में
बिन सांसों के भी अब,जीना होगा,
न जी सके बिछड़ कर जिसके बिना
हर लम्हा उसी के बिना जीना होगा,
होगी बेकरारी, रहेगी बेचैनी सीने में
एक झलक की आस में तड़पना होगा,
छूने को जिसे एक बार, बेसबब प्यासे रहे
सीने से लगने को उम्र भर तरसना होगा,
दर्द का सागर ख़ुद में समेटे तन्हा यूं ही
अंजान राहों पर, गिरते संभलते चलना होगा!
© सुधा सिंह 💐💐
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