नारी
नारी हूं अबला नहीं समझो मुझे।
अपने पुरुष होने पर ना अभिमान करो।
याद करो नारी की कोख की उपज हो तुम। जीवन देने के पहले से ही तुम्हारा भाड़ लिए फिरती रहीं।
और जन्मोपरान तुम्हारे हित में ही सोचती रही।
नारी को ना समझो कमजोर तुम
कम में ना आंको उन्हें।
नारी तो पुरुषों का अस्त्र और शस्त्र है। उसके जीवन की ढ़ाल है,
उसकी जरूरतों की दुकान है।
नारी का करो आदर सदा, उनका ना अपमान करो।
नारी रूप है दुर्गा का तो कभी काली का।जिस...
अपने पुरुष होने पर ना अभिमान करो।
याद करो नारी की कोख की उपज हो तुम। जीवन देने के पहले से ही तुम्हारा भाड़ लिए फिरती रहीं।
और जन्मोपरान तुम्हारे हित में ही सोचती रही।
नारी को ना समझो कमजोर तुम
कम में ना आंको उन्हें।
नारी तो पुरुषों का अस्त्र और शस्त्र है। उसके जीवन की ढ़ाल है,
उसकी जरूरतों की दुकान है।
नारी का करो आदर सदा, उनका ना अपमान करो।
नारी रूप है दुर्गा का तो कभी काली का।जिस...