...

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फौजी....
बंदूक उठाकर कंधो पर ना मौत से जो घबराता है।
हम घर मे चैन से सो जाएं रक्षा में खुद को जगाता है।
हरदम रहे मौत के साये में कीमत नही उनके जान की।
कतरा कतरा बह जाए भी चिन्ता रहे देश के मान की।
सर्दी गर्मी बरसात नही परिवार भी उनके साथ नही ।
क्या याद उन्हें ना तड़पाती उनके बच्चों ने बात कही।
घर आ जाओ माँ उनसे कहे बेटा तुम्हे देखे अरसा हुए।
पत्नी को याद सताती है रो कर दामन वो भिगाती है।
बच्चे हरदम रास्ता देखें तू कब आये मुझसे वो कहे।
तेरे नाम से उनको सुलाती हूँ आँशु को रोक ना पाती हूँ।
संकेत मिले तेरे आने की हर पल बस आश ये रहती है
होता उदास दिल सीने में अँखियों से नदियां बहती है।
तू रहे सलामत शरहद पर यह दुआ है भाग्य विधाता से।
आँचल के तले जो रहता था वो दूर है अपनी माता से।...