...

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फौजी....
बंदूक उठाकर कंधो पर ना मौत से जो घबराता है।
हम घर मे चैन से सो जाएं रक्षा में खुद को जगाता है।
हरदम रहे मौत के साये में कीमत नही उनके जान की।
कतरा कतरा बह जाए भी चिन्ता रहे देश के मान की।
सर्दी गर्मी बरसात नही परिवार भी उनके साथ नही ।
क्या याद उन्हें ना तड़पाती उनके बच्चों ने बात कही।
घर आ जाओ माँ उनसे कहे बेटा तुम्हे देखे अरसा हुए।
पत्नी को याद सताती है रो कर दामन वो भिगाती है।
बच्चे हरदम रास्ता देखें तू कब आये मुझसे वो कहे।
तेरे नाम से उनको सुलाती हूँ आँशु को रोक ना पाती हूँ।
संकेत मिले तेरे आने की हर पल बस आश ये रहती है
होता उदास दिल सीने में अँखियों से नदियां बहती है।
तू रहे सलामत शरहद पर यह दुआ है भाग्य विधाता से।
आँचल के तले जो रहता था वो दूर है अपनी माता से।
संदेश नही तेरा मिल पाता दिल दो पाटों में बट जाता।
किस पर अब ममता लुटाऊं मैं यह सोच कलेजा फट जाता।
संदेश मिला तेरे आने का अब खुशी है फूलों समाने का।
बच्चों के चेहरे चमक उठे बहू रस्ता देखे आने का।
इंतेज़ार में दिन बड़े होने लगे रातों में सपने सोने लगे।
आने को तेरे कितने दिन हैं रातों में उठ उठ जगने लगे।
आखिर में वो दिन आ ही गया एक सुबह को वो चमकाने लगा।
पत्नी सोलह सृंगार किये आईना देख शर्माने लगा।
फौजी आये सामान लिए कंधो पे देश की जान लिए।
ये कैसा साथ निभाया है सोते हुए चेहरा दिखाया है।
आंखों को अपने खोलो तुम माँ ममता को देखो तुम।
पत्नी सोलह सृंगार किये उसके लिए कुछ तो बोलो तुम।
बच्चों ने तुम्हे बुलाया है उनके लिए क्या तू लाया है।
तेरे सिवा ना कोई सहारा है ये कैसा साथ निभाया है।
सबकी आंखें नम होने लगी सोलह सृंगार को धोने लगी।
नियति तेरा कैसा लेखा है ममता ने कफन अब देखा है।
जीवन जैसे वीरान हुआ तू अपनो से अनजान हुआ।
मुझको नही गम तेरे जाने का शुक्रिया है देश को बचाने का।
मैं माँ हूँ तेरी गर्व मुझे तू ने लाज रखा भारत माँ का।
एक वीर को मैंने जन्म दिया सम्मान है जग में लाने का।

                              

© Roshanmishra_Official