तुम्हें लिखना
तुम जानते हो तुम्हें लिखना
कितना मुश्किल है मेरे लिए
तुम्हारी बातें ज्यादा खुबसूरत है
मेरे अल्फ़ाजों से......
समंदर कितना गहरा है
मैंने कभी नहीं देखा....
मैंने कभी तुम्हारे प्रेम की....
गहराई भी नहीं देखी.....
शायद इतना कह देने से....
तुम्हें नहीं लिखा जा सकता...
मुझे लगता है
तुम्हें लिखने के लिए
मुझे तुम ही होना पड़े तो भी
मैं तुम्हें उतना नहीं लिख पाऊंगी
जितना तुम हो....
मेरे लिए तुम्हें लिखना उतना ही कठिन है
जितने तुम सरल हो ...!!
© Mistha prajapati
कितना मुश्किल है मेरे लिए
तुम्हारी बातें ज्यादा खुबसूरत है
मेरे अल्फ़ाजों से......
समंदर कितना गहरा है
मैंने कभी नहीं देखा....
मैंने कभी तुम्हारे प्रेम की....
गहराई भी नहीं देखी.....
शायद इतना कह देने से....
तुम्हें नहीं लिखा जा सकता...
मुझे लगता है
तुम्हें लिखने के लिए
मुझे तुम ही होना पड़े तो भी
मैं तुम्हें उतना नहीं लिख पाऊंगी
जितना तुम हो....
मेरे लिए तुम्हें लिखना उतना ही कठिन है
जितने तुम सरल हो ...!!
© Mistha prajapati