चांद हठ कर बैठा अपनी माँ से।
एक बार की बात थी,
घनघोर अंधेरे की रात थी,
चांद हठ कर बैठा अपनी माँ से
नहीं जाऊंगा मैं आसमान में,
प्यार से सिर सेहलाते हुए चांद की माँ ने पूछा चांद से
आखिर क्या बात है क्यों छाई है चेहरे पर उदासी
चांद बोल पड़ा,
खुद को संभालते हुए,
कहानियां और लोरी सुन कर लाड से
सभी बच्चे सोते हैं अपनी मां की गोद में आराम से
सब...
घनघोर अंधेरे की रात थी,
चांद हठ कर बैठा अपनी माँ से
नहीं जाऊंगा मैं आसमान में,
प्यार से सिर सेहलाते हुए चांद की माँ ने पूछा चांद से
आखिर क्या बात है क्यों छाई है चेहरे पर उदासी
चांद बोल पड़ा,
खुद को संभालते हुए,
कहानियां और लोरी सुन कर लाड से
सभी बच्चे सोते हैं अपनी मां की गोद में आराम से
सब...