आख़री सफ़र
सब जा रहे थे किस ओर
मैं भी उनके पिछे चल पड़ा
यही सोचके के सभीं
सही ही होंगे
इतने सारे ना ही
गलत हो सकते हैं
ना ही किसी मख़्सत
के सिवा चलते होंगे
खैर सच तो इतना
ही है की मैं चल पड़ा
बहोत से रास्तें
कुछ छोटे कुछ बडे
कई टेढ़ी बहोत सी सरल
जुड़ती रही
मुड़ती रही
बिख़रती रही
किसी एक राह
पकड़कर मैने अपना ...
मैं भी उनके पिछे चल पड़ा
यही सोचके के सभीं
सही ही होंगे
इतने सारे ना ही
गलत हो सकते हैं
ना ही किसी मख़्सत
के सिवा चलते होंगे
खैर सच तो इतना
ही है की मैं चल पड़ा
बहोत से रास्तें
कुछ छोटे कुछ बडे
कई टेढ़ी बहोत सी सरल
जुड़ती रही
मुड़ती रही
बिख़रती रही
किसी एक राह
पकड़कर मैने अपना ...