ग़ज़ल
२१२२-१२१२-२२/११२
रोज़ झगड़े तनातनी उनसे
हो गई फिर कहा सुनी उनसे (१)
सुल्ह तो हो गई थी कल यारो
क्या हुआ आज है ठनी उनसे (२)
बिगड़े रिश्ते...
रोज़ झगड़े तनातनी उनसे
हो गई फिर कहा सुनी उनसे (१)
सुल्ह तो हो गई थी कल यारो
क्या हुआ आज है ठनी उनसे (२)
बिगड़े रिश्ते...