जन्मदिन की शाम...
मेरे बस में नहीं वरना कुदरत का लिखा हुआ काटता,
तेरे हिस्से में आए बुरे दिन कोई दूसरा काटता!
लारियों से ज्यादा बहाव था तेरे हर इक लफ्ज़ में,
मैं इशारा नहीं काट सकता तेरी बात क्या काटता!
मैंने...
तेरे हिस्से में आए बुरे दिन कोई दूसरा काटता!
लारियों से ज्यादा बहाव था तेरे हर इक लफ्ज़ में,
मैं इशारा नहीं काट सकता तेरी बात क्या काटता!
मैंने...