...

2 views

रोता है आसमां
सब समझते पानी बनकर बरसता है आसमां
मेरी आखों से देखो जमी़ से बिछडकर रोता है आसमां
हर बार जमी़ से मिलने के तडप मे रोता है आसमां
तारों के महल मे सोता आसमां फिर‌‌ भी जमी़ केलिए रोता आसमां
क्या बयां करे कितना तडपता है आसमां
जमी़ से मिलने कि तडप मे गरजता है आसमां
हर पल खोया रहता है, रोता रहता है आसमां
खुद की फिक्र से भी ज्यादा जमी़ की फिक्र करता है आसमां
सूरज की रौशनी से जमी़ को बचाते बचाते खुद हर दफा मरता है आसमां
जमी़ को पाने के लिए हर रोज,हर दफा तडपता,रोता और मरता है आसमां
सूरज की गर्मी से जमी़ को बचाकर खुद रोज मरता है आसमां।
© Premyogi
#sky #ground #separation #pain #Shayari #poetrycommunity #hindipoem #premyogi #writco