...

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चाहत
पर्वत की जड़ता चाहता हूँ, चाहता हूँ पानी का चेतन
रंग रूप जवानी भी चाहता, चाहता बच्चे जैसा मन

पतझड़ का रूखापन चाहता, चाहता हरा भरा सावन
खिलते फूल मैं चाहता हूँ, चाहता मैं चेहरा मनभावन

रंगों से भरा दिन चाहता हूं ,चाहता हूं रात चमकती मैं
कस्तूरी महक भी चाहता हूं,चाहता हूं हिरनी बहकती मैं.........जारी है


© SK
#poembysk #WritcoQuote