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यादों की दुकान
यादों के पंँख लगा कर उड़ गई आज मैं अतीत के आकाश पर,
छोटी सी एक लड़की देखी,
जाती हुई दुकान पर।
यूँ तो उस दुकान पर बहुत सा साज़ो सामान था,
वो एक नारंगी रंग के डिब्बे में जो चॉकलेट थी,(Amul chocolate orange flavour)
बस उसी पे लड़की का ध्यान था।
कुछ रंग बिरंगे नारियाल मावे से बने टिक्के,
स्वाद में लाजवाब हुआ करते थे,
एक रुपयेके बीस मिला करते थे।
लालाजी जो कई साल हुए दुनिया को अलविदा कह गये,
वो आज भी जिंदा हैं,
मेरे बचपन के मचान पर,
मीठी मीठी बचपन की चॉकलेट टॉफ़ी खाने
ले चलो मुझे उस दुकान पर।
चलन आज कल ऑनलाइन खरीदो फरोकत का है,
ज़िक्र फिर भी है उस छोटी सी दुकान का मेरी ज़ुबान पर,
मेरे बचपन की मधु स्मृति है जो,
मन मचल जाता है जाने को उसी दुकान पर।
#memories #childhood #bachpan #yaadein #hindipoetry #writcopoem
© Haniya kaur
छोटी सी एक लड़की देखी,
जाती हुई दुकान पर।
यूँ तो उस दुकान पर बहुत सा साज़ो सामान था,
वो एक नारंगी रंग के डिब्बे में जो चॉकलेट थी,(Amul chocolate orange flavour)
बस उसी पे लड़की का ध्यान था।
कुछ रंग बिरंगे नारियाल मावे से बने टिक्के,
स्वाद में लाजवाब हुआ करते थे,
एक रुपयेके बीस मिला करते थे।
लालाजी जो कई साल हुए दुनिया को अलविदा कह गये,
वो आज भी जिंदा हैं,
मेरे बचपन के मचान पर,
मीठी मीठी बचपन की चॉकलेट टॉफ़ी खाने
ले चलो मुझे उस दुकान पर।
चलन आज कल ऑनलाइन खरीदो फरोकत का है,
ज़िक्र फिर भी है उस छोटी सी दुकान का मेरी ज़ुबान पर,
मेरे बचपन की मधु स्मृति है जो,
मन मचल जाता है जाने को उसी दुकान पर।
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© Haniya kaur
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