...

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बाक़ी है
तुझमें और मुझमें बहुत ख़ामियां अभी बाक़ी है
सवारने की ख़ुद को यहाँ पड़ी ज़मी अभी बाक़ी है

है करम तेरा मग़र आदतें पुरानी मुझमें अभी बाक़ी है
ख़ामियों का मैं बशर मग़र अहम् मुझमें अभी बाक़ी है

लाख दे तू मौक़े "मैं " का वजूद मुझमें अभी बाक़ी है
बे-ख़बर मौत से जश्न साँसो का थमना अभी बाक़ी है

मेरे गुरुर से वजूद का जहाँ से मिटना मेरा अभी बाक़ी है
बदलू क्यूँ ख़ुद को "मौला " राख़ होना मेरा अभी बाक़ी है

है ख़बर मग़र सोचता हूँ कि ज़िन्दगी बहुत अभी बाक़ी है
बुत तेरा मैं अंजान कि दर तेरे हिसाब मेरा अभी बाक़ी है।

© अनिल अरोड़ा "अपूर्व "