![...](https://api.writco.in/assets/images/category/big/lifestyle.webp)
24 views
दिहाडी मजदुर और कोरोना
ये आज के रोटी पर गीरते पसीने की हकीकत है...
और कल के रोटी की तलाश जीने की हकीकत है...
ये दास्तां है उस अनकहे किस्से की...
जो तस्वीर है देश के बडे हिस्से की...
मुसाफिर अपने घर की ओर चलते गये...
पाव के छाले कई कहानिया उगलते गये...
राहो पर लहू से लिखते राही बहुत है...
रईसी मुफलिसी में यहा खाई बहुत है...
लाल सडके किस्से अपनो के खोल रही...
सिंहासन देखो ये पटरीया कुछ बोल रही...
© Ashish Deshmukh
और कल के रोटी की तलाश जीने की हकीकत है...
ये दास्तां है उस अनकहे किस्से की...
जो तस्वीर है देश के बडे हिस्से की...
मुसाफिर अपने घर की ओर चलते गये...
पाव के छाले कई कहानिया उगलते गये...
राहो पर लहू से लिखते राही बहुत है...
रईसी मुफलिसी में यहा खाई बहुत है...
लाल सडके किस्से अपनो के खोल रही...
सिंहासन देखो ये पटरीया कुछ बोल रही...
© Ashish Deshmukh
Related Stories
23 Likes
7
Comments
23 Likes
7
Comments