ग़ज़ल 6: उससे इश्क़ किया बहुत किया फिर मुकर गई मैं
उससे इश्क़ किया बहुत किया फिर मुकर गई मैं
जब से हक़ीक़त का आईना देखा सुधर गई मैं
ये इश्क़ से खोंफ मेरा आपके इश्क़ की देन है
के सब मेरे साथ चले आए जिधर जिधर गई मैं
चढ़ाया गया चने के झाड़ पे मुझे साजिश करके
मुश्किल था वहाँ से उतरना मगर उतर गई मैं
टूटा आईना किसी...
जब से हक़ीक़त का आईना देखा सुधर गई मैं
ये इश्क़ से खोंफ मेरा आपके इश्क़ की देन है
के सब मेरे साथ चले आए जिधर जिधर गई मैं
चढ़ाया गया चने के झाड़ पे मुझे साजिश करके
मुश्किल था वहाँ से उतरना मगर उतर गई मैं
टूटा आईना किसी...