...

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फिर उसे मेरी याद आ रही होगी।
के फिर उसे मेरी याद आ रही होगी,
गिरते आँसुओ को गालो से हटा रही होगी।
तस्वीर को वो मेरी देख कर,
मुझे फिर बुला रही होगी।
पछतावा उसे अपनी गलतियों का हो रहा होगा,
वो अपनी गलतियां मान कर ही रो रही होगी।
के फिर उसे मेरी याद आ रही होगी,
गिरते आँसुओ को गालो से हटा रही होगी।।
पहले मेरे पास रह कर मेरी बाहों में सोया करती थी,
अब किसी तकिये को मेरी बाह समझ सो रही होगी।
जो रातों को मोहब्बत के फूल खिलते थे,
वही तो रात आज उसके मन में हो रही होगी।
के फिर उसे मेरी याद आ रही होगी,
गिरते आँसुओ को गालो से हटा रही होगी।।