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बाबा तुम लौट आओ
बाबा तुम लौट आओ

बाबा तुम्हारे बिना यह घर कभी घर नही लगा,
बाबा तुम से ही घर रोशन है,
बाबा तुम ही मेरी दुनिया की रोशनी हो,
बाबा अब तुम लौट आओ।
मै मछली हु तेरे तालाब की,
मै फूल हु तेरे बगीचे का,
बाबा तेरे बिना मर रही ह मछलीया पानी मे,
टूट रही ह कलिया फूलो की,
बाबा अब तो तुम लौट आओ।
अब ख्यालो में मेरा ख्याल कोई नही रखता,
अब मेरे दर्द को अपनी बांहों में कोई नही भरता,
मेरे बीमार पड़ने पर रातो को कोई नही जागता है,
अपने होटो की मुस्कान लिए अपनी दिल की धड़कनों से ,
अब यू अपनी बांहों में कोई नही भरता,
बाबा अब तो तुम लौट आओ।
मेरी उंगलियों को पकड़कर मुझे जमाने मे चलना सीखना ओर मंजिल तो लेकर जाना,
बाबा जेब मे रहता था मेरी हर ख्वाहिशो का खिलौना,
मेरे ख्वाब टूटने पर उन्हें फिर समेटकर जोड़ना,
मेरे केई जन्मदिन निकले हैं तुम्हारे बिना,
अब तो मेरी डोली उठाने का वक्त आ गया,
कहा खो गए मेरे बाबा
अब तो लौट आओ मेरे बाबा।
© Verma Sahab