...

7 views

#बापू
'पिता' एक शब्द नहीं, आत्मीय अनुभूति है,
सिर्फ एक पद नहीं, महान विभूति है;

क्या ही लिखूं उनके बारे,जिन्होंने ख़ुद मुझे लिखा है,
अपनी मुसीबतों को भूल, उन्होंने मुझे संवारा है,
साहस ही संघर्ष से उभारे, मैने बापू से सीखा है,
सब सुविधाओं को भूल, उनका साथ मुझे गंवारा है;

यह जो मिला है रूप, बापू से ही मेरी पहचान है,
ईमान पर अपने चलना, जिन्होंने मुझे सिखाया है,
मां मेरी है दैवीय स्वरूप, तो बापू मेरे भगवान है,
थाम कर हाथ मेरा, ये संसार मुझे दिखाया है;

गर हो हाथ सिर पर उनका, तो हर मैदान में जीत है,
दूर रहना तो नहीं चाहता, पर बापू को अभिमान कराना है,
सभी खूबियां है मेरे बापू में, मेरे गुरु,आदर्श और मीत है,
उम्मीदों पर उनकी खरा उतरूं, इसीलिए नाम कमाना है..
Love you bapu😊


© Naren07