ए ज़िंदगी 🖤
कभी फुरसत तो दे ए ज़िंदगी तेरे मसलों से ,
कि अब गिले शिकवे बहुत हैं ।
चेहरे पहचानना तो सिखा दिया तूने पर देख न,
यहां चेहरे पर चेहरे बहुत हैं।
मुस्कान पर मत जाना कि झूठी बनावट है ये तो,
मुस्कान के पीछे छिपे ये ग़म गहरे बहुत हैं।
...
कि अब गिले शिकवे बहुत हैं ।
चेहरे पहचानना तो सिखा दिया तूने पर देख न,
यहां चेहरे पर चेहरे बहुत हैं।
मुस्कान पर मत जाना कि झूठी बनावट है ये तो,
मुस्कान के पीछे छिपे ये ग़म गहरे बहुत हैं।
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