...

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कागज की नाव
अब कोई बड़ी कश्ती नही चल कागज की नाव बनाते हैं, चलते हैं सब साथ साथ अपनो से हाथ मिलाते हैं।
कौन अपने हैं कौन पराये का भेद मिटाकर,अब सबको हाथ बढाते हैं,अब कोई बड़ी कश्ती नही चल कागज की नाव बनाते हैं।
चलते हैं सब साथ साथ अपनो से हाथ मिलाते हैं।
चलेंगे सब कहीं मीलो दूर और राह की सही दिशा बताते हैं,जब है हम्ममे पक्के इरादे तो लहरों की झूठी फितरत से क्यों घबराते है।
अब कोई बड़ी कश्ती नही चल कागज की नाव बनाते हैं,चलते हैं सब साथ साथ अपनो से हाथ मिलाते हैं।
अपनी सारी परेशानियों को भुलाकर अब जी भरके मुस्कुराते हैं।
जो होना है वो होकर रहेगा हम आगे की मुश्किलों से अभी क्यों घबराते हैं।
चलो दुनिया को अब दूसरी नज़र से देखते हैं,कितना खूबसूरत से है ये मंज़र, ये तो है खुशियो का समंदर,अब हम बिना डरे चलो उनमे डूब जाते हैं।
अब कोई बड़ी कश्ती नही चल कागज की नाव बनाते हैं, चलते हैं सब साथ साथ अपनो से हाथ मिलाते हैं।

...._anshu