माफी
गुज़रे हुए ग़म के घाव,
कुछ अब भी हे बाकी।
मरहम डाले भी तो,
इन घावो के लिए नहीं काफी ।
/
गहराई कि नाप लो तो,
हृदय मे आ है रुकती।
माफी भी केसे मांगे,...
कुछ अब भी हे बाकी।
मरहम डाले भी तो,
इन घावो के लिए नहीं काफी ।
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गहराई कि नाप लो तो,
हृदय मे आ है रुकती।
माफी भी केसे मांगे,...