यादों की होली
देखो ये होली फिर आ गई मुझको तड़पाने
तेरी यादो के बारिश मे मुझको फिर से भिगाने
रंगो को देख कितना तू खुश हो जाती थी
लाल रंग ही लगाना मुझको
थोड़ा शरमा के बोल जाती थी
मैं भी दिवाना जैसा लाल रंग ही लाता था
तू करती थी आंखे बन्द
मैं मांग मे तेरी लगा खुश हो...
तेरी यादो के बारिश मे मुझको फिर से भिगाने
रंगो को देख कितना तू खुश हो जाती थी
लाल रंग ही लगाना मुझको
थोड़ा शरमा के बोल जाती थी
मैं भी दिवाना जैसा लाल रंग ही लाता था
तू करती थी आंखे बन्द
मैं मांग मे तेरी लगा खुश हो...