...

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घाम - घर
दूर दरीचे
बीच बग़ीचे
हम बनउबै एक घाम - घर

पार समंदर
बीच दिसंबर
हम बनउबै एक घाम - घर

हमरे बदन न लागै धूप
न‌ लागै भर मुट्ठी बतास
जाने कैसा है ई अन्धकूप
हमरे मर गए पौधे पचास

घाम - घर में होई सब इंतजाम
तुम बस सुनत जाओ सबहूँ के नाम

धूप बतास के खातिर बड़ी खिड़की
सेवा खातिर लड़का लड़की
और एक हमार राधा रहिऐं
जिनके खातिर ई दिल धड़की

टूटी कुर्सी के कुछ पंजर
सही करब हम ऐसे
लागे लगी पूरा मंजर
नवा होय गवा जैसे

गुजारै कैसे 3 महीने
कैसे आए फागुन बयार
एक बार जो माघ बीते
चल देब हम ऊ पार

छोड़ब जब ई घाम - घर
संगे चलिहैं हमार राधा
बांट देब ई घाम - घर हम
लड़का लड़की में आधा आधा

चली अब बिदा लेयी
पान कत्था करै के है
घाम - घर बनाए खातिर
घाम इकट्ठा करै के है

~ आदित्य आँचल
© Aditya__Anchal