...

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~~ अजीब रिश्ते ~~
*****व्यंग हास्य काव्य****

कल रचा दिल हांथ में उसने
और लिखा मेरे नाम से प्यार,
बोला इश्क करता हूं तुमसे..
बेहद से भी बेहद यार..!!

दिल निकाल के पेश मैं कर दूं
स्वीकार करो तुम मेरा प्यार,
तुम बिन अब मैं रह नहीं सकता
कितना करूं तुमसे इजहार..!!

परेशान बहुत हो गया था मैं
करूं तो क्या करूं अब मैं यार..??
एक लड़के को जो हुआ था
एक लड़के से ही प्यार..!!
©®@devideep3612
बोला बहुत, समझाया उसको,
वो नहीं मैं, तू जो समझा है,
लड़की नहीं लड़का हूं मैं..
ये सही नहीं, समझौता है ।

चाहूं मैं तुझको भी लेकिन
भाई तुझको मानता हूं...!
लड़के लड़कों में कुछ नही होता,
बात यहीं मैं जानता हूं..!!

बात जान लो तुम भी प्यारे
गलत सलत से जरा बचना तुम
ऐसे संबंध जुड़ नहीं सकते,
इन रिश्ते में नही बंध सकते हम ।

गलत कहलाते है ये रिश्ते
संबंध अजीब बनाते है,
कृत्रिमता में जी नहीं सकते,
सब रिश्ते नाते ये ही ठनाते है ।
©®@devideep3612.