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सुस्वागतम श्री राम
सुस्वागतम

जयघोष हो रहा श्री राम का
अयोध्या नगरी सजने लगी
देश-विदेश से फूल मंगाए, मार्ग में कितनी लड़ियां लगी।।

खुशी के आंसू नैन से बरसे
पुलकित हर्षित दुनियां खड़ी
सदियों के तप फल है शायद, श्री राम ने कृपा करी।।

वरदान से कम उपहार नही ये
बलिदानों की जिसमें झाड़ियां लगी
हक की लड़ाई में जीत मिली तो, खुशियां झोली में आन गिरी।।

दो युगों का मिलन है शायद
जिसे कलयुग-सतयुग दुनियां कही
जन्मस्थान में आ रहे प्रभु, स्वागत में उनके दुनियां खड़ी।।

संघर्ष के दिन अब बीत गए है
मनोकामना पूर्ण हुई
ढ़ोल-नगाड़े पुरजोर बजाओ, दुनियां स्वर-ताल संग देने लगी।।

अटकी श्वास है दर्श को प्रभु
आने में क्यों देर लगी
इंतजार की घड़ियां कटती नहीं अब, मार्ग में सबकी अंखियां लगी।।