नया सवेरा
भटकते भटकते दिनभर और सूरज थक गया
उन्माद अग्नि का रुक गया
देखना भी मुश्किल था जिसको
देखो आज सबसे ज्यादा झुक गया
अब रात का चांद भी दगा दे गया
कहा था हरदम साथ दूंगा तेरा
बस दस्तक अंधकार का हुआ था और
मेरी रोशनी चुराकर वह बेवफा हो गया
खोए रहो तुम...
उन्माद अग्नि का रुक गया
देखना भी मुश्किल था जिसको
देखो आज सबसे ज्यादा झुक गया
अब रात का चांद भी दगा दे गया
कहा था हरदम साथ दूंगा तेरा
बस दस्तक अंधकार का हुआ था और
मेरी रोशनी चुराकर वह बेवफा हो गया
खोए रहो तुम...