बचपन
सवाल वहीं है आज भी लोगों के,
बदल लिया लहज़ा सवाल पूछने के,
बचपन में पूछते हँसकर मुस्कुराकर हाल,
अब तानकर भौहें पूछते ज़िंदगी का हाल,
पहले फ़िक्र होती थी ग़ैरों को भी हमारी,
अब अपनें...
बदल लिया लहज़ा सवाल पूछने के,
बचपन में पूछते हँसकर मुस्कुराकर हाल,
अब तानकर भौहें पूछते ज़िंदगी का हाल,
पहले फ़िक्र होती थी ग़ैरों को भी हमारी,
अब अपनें...