...

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थारी लगन मोहे ऐसी लागी मोहन
पानी भरण मै गई थी पनघट,
गगरी वही पर भुल गई !!
थारी लगन मोहे ऐसी लागी मोहन,
खुद की सुद भी भुल गई !!
हर मुरत हो बोले जैसे,
हर तरफ तु ही दिखे साँवरे !!
थारो दरस ऐसे लागे प्यारो,
मै सजनो सँवरनो भुल गई !!
मोह नेह का तोड़कर सबसे,
थारी चौखट पर आ पड़ी !!
जबसे इश्क़ हुआ है तुमसे,
काजल अपनों को भी भुल गई !!
थारी लगन मोहे ऐसी लागी मोहन,
खुद की सुद भी भुल गई !!

©️ काजल नायक


© kajal Nayak (kaju)