यादें....
कुछ अल्फा़ज़ तो थे मेरे पास,
पर दिल में खामोशी थी,
मैं खुद में थी ही कहां,
मैं तो दूर कहीं
तेरी यादों में गुम थी।
ना जाने ख्याल मुझे किन रास्तों,
की तरफ़ ले जा रहे थे,
मैं खुद को संभाल कर रख रही थी,
कहीं दूर उन ख्यालों से,
भागने की कोशिश कर रही थी मैं।
यादों ने दस्तक ही मेरे
ठहरने के लिए दी थी,
मैं यादों के मायाजाल में...
पर दिल में खामोशी थी,
मैं खुद में थी ही कहां,
मैं तो दूर कहीं
तेरी यादों में गुम थी।
ना जाने ख्याल मुझे किन रास्तों,
की तरफ़ ले जा रहे थे,
मैं खुद को संभाल कर रख रही थी,
कहीं दूर उन ख्यालों से,
भागने की कोशिश कर रही थी मैं।
यादों ने दस्तक ही मेरे
ठहरने के लिए दी थी,
मैं यादों के मायाजाल में...