चांद
ए चांद ज़रा अपना मजहब तो बता दे,
कभी तू ईद की रात से दीवाली कि रात हो जाता है।
अपना नाता तो बता दे इंसानों से,
मामा से तू जान हो जाता है।...
कभी तू ईद की रात से दीवाली कि रात हो जाता है।
अपना नाता तो बता दे इंसानों से,
मामा से तू जान हो जाता है।...