क्यों? हम हिंदी बोलने से शरमाते है!
क्यो? हम हिंदी बोलने से शरमाते है!
हिंदुस्तान के वासी हम हिंदुस्तानी खुद को कहते
बड़ी ही शान से स्वतंत्रता दिवस मनाते हैं।
फिर भी आज हम हिंदी को शान से किसीके आगे क्यों नहीं पेश कर पाते हैं ।।
क्यों? हम हिंदी बोलने से शरमाते हैं!
हिंदी राज भाषा होते हुए भी
हम उसे बोलने से रुक जाते हैं ।
आज के इस आधुनिक युग में
हम हिंदी भाषा को गर्व से नही अपनाते हैं ।।
क्यो? हम हिंदी बोलने से शरमाते हैं!
सुबह उठते ही 'good morning' और रात को सोने से पहले 'good night' बोलकर सो जाते हैं।
सुप्रभात - शुभरात्री बोलने पर तो हम व्यंग्य कर जाते हैं।।
हम हिंदी के शब्दो को बोलने से हिचकिचाते हैं
और कोई हिंदी बोले भी तो उसे हम अनपढ़ गवार बोल...
हिंदुस्तान के वासी हम हिंदुस्तानी खुद को कहते
बड़ी ही शान से स्वतंत्रता दिवस मनाते हैं।
फिर भी आज हम हिंदी को शान से किसीके आगे क्यों नहीं पेश कर पाते हैं ।।
क्यों? हम हिंदी बोलने से शरमाते हैं!
हिंदी राज भाषा होते हुए भी
हम उसे बोलने से रुक जाते हैं ।
आज के इस आधुनिक युग में
हम हिंदी भाषा को गर्व से नही अपनाते हैं ।।
क्यो? हम हिंदी बोलने से शरमाते हैं!
सुबह उठते ही 'good morning' और रात को सोने से पहले 'good night' बोलकर सो जाते हैं।
सुप्रभात - शुभरात्री बोलने पर तो हम व्यंग्य कर जाते हैं।।
हम हिंदी के शब्दो को बोलने से हिचकिचाते हैं
और कोई हिंदी बोले भी तो उसे हम अनपढ़ गवार बोल...