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कुछ भी न तंग करता मुझे।
न भूतकाल , न भविष्य काल,
कुछ भी न तंग करता मुझे।
मुझे प्यारा है अपना ख्याल।
कुछ व्यथा न तंग करता मुझे।।
मैं तो रहता हूं अपने मन में,
अपने बहते विचारों में,
बुनते सपनो के धागे में,
पूर्णता प्राप्त होगा या नही
ये ख्याल न तंग करता मुझे।।
कुछ भी न तंग करता मुझे।
मुझे प्यारा है अपना ख्याल।
कुछ व्यथा न तंग करता मुझे।।
मैं तो रहता हूं अपने मन में,
अपने बहते विचारों में,
बुनते सपनो के धागे में,
पूर्णता प्राप्त होगा या नही
ये ख्याल न तंग करता मुझे।।
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