नायिका
मन के उजालों से
कभी अधरो के प्याले से
अमृत छलकाती है
ये कैसी नायिका हैं
विरह के गीत गाती है
वियोग चुनना भी
लगें सौभाग्य उसे
ऐसी...
कभी अधरो के प्याले से
अमृत छलकाती है
ये कैसी नायिका हैं
विरह के गीत गाती है
वियोग चुनना भी
लगें सौभाग्य उसे
ऐसी...