...

9 views

क्या तुम वही हो
क्या तुम वही हो
जिससे मैंने कभी बेइंतेहा मोहब्बत
की थी
लगता था जीवन के हर मोड़ पे तुम युही खड़े मिलोगे
पहले मेरे चहरे की उदासी भाप पड़ते
थे
अब न जाने क्यों मुँह मोड़ पड़ते हो
रहते तो साथ है पर बाते पहले सी
नहीं होती
जब जरूरत होती बात होही जाती
जिंदगी में इतने आगे आते आते
मैंने एक दोस्त खो दिया लगता है
इन रिस्तो की बातो में एक अपना सा
एहसास खो दिया लगता है
पहले तुम मेरी उदासी की वजह पूछा
करते थे
पर अब ये उदासी तुमसे पूछती है
आखिर क्यों इतने बदल गए
एक वक़्त था जहा हमदोनो के अलावा
कोई तीसरा ना था
एक दूसरे के साथ हर पल में साथ रहते थे
अब वो पल तो है पर साथ नहीं
वो एहसास भी कही खो गए
ना तुम पहले से हो न हम
हम है