रिश्ते की डोर
रिस्ते की डोर पर बन्धे चलें आए हम
ना जाने किस तरह का धागा था वो
जिसको पकड़ कर चलें आए हम
छूट ना जाए ये धागा इस लिए
मजबूती से पकड़ कर चलें आए हम
धोखा दिया हमारी मजबूती ने की
कच्ची डोर पकड़ कर चलें आए हम
डोर की भी क्या गलती जो कच्ची थी
जिसे पकड़ कर हम बेखौफ चलें आए
थी हमारी पागल पन्ती कच्ची डोर लेकर
चलें आए हम
बनाने वाले की भी क्या गलती थी
सस्ते दाम पर् खरीद कर चलें आए हम
© Ankur tyagi
ना जाने किस तरह का धागा था वो
जिसको पकड़ कर चलें आए हम
छूट ना जाए ये धागा इस लिए
मजबूती से पकड़ कर चलें आए हम
धोखा दिया हमारी मजबूती ने की
कच्ची डोर पकड़ कर चलें आए हम
डोर की भी क्या गलती जो कच्ची थी
जिसे पकड़ कर हम बेखौफ चलें आए
थी हमारी पागल पन्ती कच्ची डोर लेकर
चलें आए हम
बनाने वाले की भी क्या गलती थी
सस्ते दाम पर् खरीद कर चलें आए हम
© Ankur tyagi