तुम चाहते हो
#Hardships
तुम चाहते हो अगर , ये मंज़र खुशनुमा हो जाए ,
उठो धिक्कारो खुद को , रग-रग कम्पित हो जाए।
निस्तेज हो मत बैठो , प्रण को प्राण बना प्रस्थान करो,
उम्मीदों का दिया जला , हँसता हुआ तुम विहान करो।
वक़्त भी ठहर जाता यूँ , जब ज़ुनून की हुँकार होती है ,
इतिहास वही रचते यहाँ , जिनकी तेज़ धार...
तुम चाहते हो अगर , ये मंज़र खुशनुमा हो जाए ,
उठो धिक्कारो खुद को , रग-रग कम्पित हो जाए।
निस्तेज हो मत बैठो , प्रण को प्राण बना प्रस्थान करो,
उम्मीदों का दिया जला , हँसता हुआ तुम विहान करो।
वक़्त भी ठहर जाता यूँ , जब ज़ुनून की हुँकार होती है ,
इतिहास वही रचते यहाँ , जिनकी तेज़ धार...